Monday, 13 June 2016

What is motivation story, Think, thought, ideas?: मोटीवेसन कहानी क्या हैं?

*एक अमीर ईन्सान था*
*उसने समुद्र मेँ अकेले*
*घूमने के लिए एक*
*नाव बनवाई*
*छुट्टी के दिन वह नाव लेकर *समुद्र की सैर करने निकला*
*आधे समुद्र तक पहुंचा ही था कि *अचानक एक जोरदार तुफान आया*
*उसकी नाव पुरी तरह से तहस-नहस हो गई लेकिन वह लाईफ जैकेट की मदद से समुद्र मेँ कूद गया*
*जब तूफान शांत हुआ तब वह तैरता-तैरता एक टापू पर पहुंचा*
*लेकिन वहाँ भी कोई नही था*
*टापू के चारो और समुद्र के अलावा कुछ भी नजर नही आ रहा था*
*उस आदमी ने सोचा कि जब मैंने पूरी जिदंगी मे*
*किसी का कभी भी बुरा नही* *किया तो मेरे साथ ऐसा क्यूँ हुआ*
*उस ईन्सान को लगा कि अगर *प्रभू ने मौत से बचाया तो आगे *का रास्ता भी प्रभू ही बताएगा*
*धीरे-धीरे वह वहाँ पर उगे फल-फूल-पत्ते खाकर दिन बिताने लगा,*
*अब धीरे-धीरे उसकी आस टूटने लगी*
*प्रभू पर से उसका भरोसा उठने लगा*
*फिर उसने सोचा कि अब*
*पूरी जिंदगी यही इस टापू पर ही* * *बितानी है तो क्यूँ ना एक झोपडी बना लूँ*
*फिर उसने झाड की डालियो और पत्तो से एक सुन्दर*
*छोटी सी झोपडी बनाई*
*उसने मन ही मन कहा कि आज से झोपडी मेँ सोने*
*को मिलेगा आज से बाहर*
*नही सोना पडेगा*
*रात हुई ही थी कि अचानक मौसम बदला*
*बिजलियाँ जोर जोर से कड़कने लगी*
*तभी अचानक एक बिजली उस झोपडी पर आ गिरी और झोपडी धधकते हुए जलने लगी*
*यह देखकर वह ईन्सान टूट गया*
*आसमान की तरफ देखकर बोला हे प्रभू ये तेरा कैसा इंसाफ है*
*तूने मुझ पर अपनी कृपा की द्रश्टी क्यूँ नहीं की*
*फिर वह ईन्सान हताश होकर सर पर हाथ*
 *रखकर रो रहा था*
*कि अचानक एक नाव टापू के पास आई*
*नाव से उतरकर दो आदमी बाहर आये*
*और बोले कि हम तुम्हे बचाने आये हैं*
*दूर से इस वीरान टापू मे जलता हुआ झोपडा देखा*
*तो लगा कि कोई उस टापू*
*पर मुसीबत मेँ है*
*अगर तुम अपनी झोपडी नही *जलाते तो हमे पता ही नही *चलता कि टापू पर कोई है*
*उस आदमी की आँखो से आँसू गिरने लगे*
*उसने प्रभू से क्षमा माँगी और*
*बोला कि "हे प्रभू मुझे क्या पता कि तूने मुझे बचाने के लिए*
*मेरी झोपडी जलाई थी।यक़ीनन तू अपने भक्तौ का हमेशा ध्यान रखता है। तूने मेरे सब्र का इम्तेहान लिया लेकिन मैं उसमे फैल हो गया। मुझे क्षमा करना*
>>>>>>moral>>>>>>>>
*दिन चाहे सुख के हों या दुख के, हमें हिंमत कभी भी नही हारनी चाइये...भगबान हमेशा अपने भकतों की रकछा करते हैं*....
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