दोस्तो हम कइ गृन्त पडते हैं, कइ ऐंसे इतीहासीक बुक या कोई भी कहानी पडते हैं तो हम वस उसे पडते हैं और लोगो से वोलते है की हमने ये पडा हैं हमने वो पडा हैं, कभी आपने इस वात पर गोर किया हैं कि हमने जो पडा है वो सिर्प पडा ही हैं कि कुछ समजा भी हैं हमने उसे पड तो लिया वडी आसानी से लेकीन कोइ उसमे से किसी का मतलब पुच ले तो हमारी तो टांए टांए फिस हो जाती हैं क्यों क्योंकी हमने जिसे पडा उसे कभी समजने की कोशिस नही की, दोस्तो जव भी आप कुछ पडें तो उसे समजने की कोशिस जरूर करे जिससे आपकी विचार धारा मे काफी सुघार आयेगा, जेंसे की
गीता में बहुत सुंदर लिखा हुआ है....
अहँकार से...
जिस व्यक्ति का मन मैला है,
करोड़ों की भीड़ में भी...
वो
गीता में बहुत सुंदर लिखा हुआ है....
अहँकार से...
जिस व्यक्ति का मन मैला है,
करोड़ों की भीड़ में भी...
वो
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