अनुशासन का महत्व
1.प्रस्तावना:-
अनुशासन शब्द 2 शब्दों से मिलकर बना है- 'अनु+शासन' शासन का अर्थ है- नियम, आज्ञा तथा अनु का अर्थ है- पीछे चलना पालन करना इस प्रकार अनुशासन का अर्थ शासन का अनुसरण करना है, किंतु इसे परतंत्रता मान लेना नितांत अनुचित है| विकास के लिए तो नियमों का पालन करना आवश्यक है, लेकिन युवक की सुख शांति में प्रगतिशीलता का संसार छात्रा अवस्था पर अबलंबित है, अनुशासन आत्मानुशासन का ही एक अंग है|
2.अनुशासन की आवश्यकता:-
जीवन की सफलता का मूल आधार अनुशासन है| समस्त प्रकृति अनुशासन में बंद कर गतिमान रहती है, सूर्य, चंद्रमा, नक्षत्र, सागर, नदी, झरने, गर्मी, सर्दी, वर्षा एवं वनस्पतियां आदि सभी अनुशासित हैं| अनुशासन सरकार, समाज तथा व्यक्ति तीन स्वरों पर होता है, सरकार के नियमों का पालन करने के लिए पुलिस, न्याय, दंड, पुरस्कार आदि की व्यवस्था की गई है| यह सभी शासकीय नियमों में बंद कर कार्य करते हैं| सभी बुद्धिमान व्यक्ति उन नियमों पर चलते हैं, एवं जो उन नियमों का पालन नहीं करते हैं, वह दंड के भागी होते हैं सामाजिक व्यवस्था हेतु धर्म समाज आदि द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करने वाले व्यक्ति सुशील तथा विनर में होते हैं| ऋषि महर्षि अध्ययन के बाद अपने शिष्यों को विदा करते समय अनुशासित रहने पर बल देते थे| वह जानते थे, कि अनुशासित व्यक्ति ही किसी उत्तरदायित्व को वहन कर सकता है, अनुशासित जीवन व्यतीत करना वस्तुत दूसरे के अनुभवों से लाभ उठाना है| समाज ने जो नियम बनाए हैं वह बरसों के अनुभव के बाद सुनिश्चित किए गए हैं, भारतीय मुनियों ने अनुशासन को अपरिहार्य माना था, कि व्यक्ति का समुचित विकास हो सके, आदेश देने वाला व्यक्ति प्राय आज्ञा दिए गए व्यक्ति का हित चाहता है, अतः अनुशासन में रहना तथा अनुशासन को अपने आचरण में डाल लेना ही अति आवश्यक है, जो लोग अनुशासनहीन होते हैं| वह शब्द एवं उदंड की संख्या से अभिहित किए जाते हैं| एवं दंड के भागी होते हैं|
3.अनुशासन के लाभ:-
अनुशासन के असीमित लाभ हैं, प्रत्येक स्तर की व्यवस्था के लिए अनुशासन आवश्यक है| राणा प्रताप, शिवाजी सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी आदि ने इसी के बल पर सफलता प्राप्त की थी| इसके बिना बहुत हानि होती है, सन् 1857 में अंग्रेजों के विरुद्ध लड़े गए स्वतंत्रता संग्राम की सफलता का कारण अनुशासनहीनता थी| 31 मई को संपूर्ण भारत में विद्रोह करने का निश्चय था, लेकिन मेरठ की सेनाओं ने 10 मई को भी विद्रोह कर दिया, जिससे अनुशासन भंग हो गया था|इसका परिणाम सारे देश को भोगना पड़ा अब सब जगह एक साथ विद्रोह ना होने के कारण संज्ञा ने विद्रोह को कुचल दिया था| राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने शांतिपूर्वक विशाल अंग्रेजी साम्राज्यबाद की नींद हिला डाली थी|उसका एकमात्र कारण अनुशासन की भावना थी, महात्मा गांधी की आवाज़ पर संपूर्ण देश सत्याग्रह के लिए चल देता था, अनेक-अनेक कष्टों को बोलते हुए भी देशवासियों ने सत्य और अहिंसा का मार्ग नहीं छोड़ा पहली बार जब कुछ सत्याग्रहियों ने पुलिस के साथ मारपीट तथा दंगा कर डाला तो महात्मा जी ने तुरंत सत्याग्रह बंद करने की आज्ञा देते हुए कहा- कि अभी देश सत्याग्रह के योग्य नहीं है| लोगों में अनुशासन की कमी है, उन्होंने तब तक उन्हें सत्याग्रह प्रारंभ नहीं किया, जब तक उन्हें लोगों के अनुशासन के बारे में विश्वास नहीं हो गया एवं अनुशासन द्वारा लोगों में विश्वास की भावना पैदा की जाती है| अनुशासन विश्वास का एक महामंत्र है|
4.छात्रानुशासन:-
अनुशासन विद्यार्थी जीवन का तो अपरिहार्य अंग है| क्योंकि विद्यार्थी देश के भावी कर्णधार होते हैं, देश का भविष्य उन्हीं पर टिका हुआ होता है, उनसे यह अपेक्षा की जाती है, कि वह स्वयं अनुशासित नियंत्रित तथा कर्तव्यपरायण होकर देश की जनता का मार्ग दर्शन करें| उसे अंधकार के दर्द से निकाल कर प्रकाश की ओर ले जय आते हैं, उनके लिए अनुशासन होना अति आवश्यक है|
5.उपसंहार:-
अनुशासन के संदर्भ में मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी का जीवन प्रेरणा दाई है| अनुशासन में होने के कारण ही राम मर्यादापुरुषोत्तम कहलाने के अधिकारी हुए अनुशासन के अधीन भी राजतिलक त्यागकर वनवासी बन जाते हैं, तथा अपनी पत्नी का परित्याग कर प्रजा की आज्ञा का पालन करते हैं| इस सब का कारण है उनका अनुशासित जीवन निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है, कि जीवन में महान बनने के लिए अनुशासन आवश्यक है| बिना अनुशासन के कुछ भी कर पाना अति असंभव है, अनुशासन से व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है, तथा समाज को शुभ दिशा मिलती है| अतः अनुशासित जीवन ही जीवन है, अनुशासित जीवन की आवाज में हमारी जिंदगी दिशाहीन एवं निरर्थक हो जाएगी, यदि जीवन में अनुशासन नहीं है| तो इस मानव जीवन का जीवित रहना भी कताई अनुशासित नही हैं, अनुशासित जीवन ही जीवन है, यदि अनुशासन नहीं है तो जीवन में कुछ भी नहीं है|
1.प्रस्तावना:-
अनुशासन शब्द 2 शब्दों से मिलकर बना है- 'अनु+शासन' शासन का अर्थ है- नियम, आज्ञा तथा अनु का अर्थ है- पीछे चलना पालन करना इस प्रकार अनुशासन का अर्थ शासन का अनुसरण करना है, किंतु इसे परतंत्रता मान लेना नितांत अनुचित है| विकास के लिए तो नियमों का पालन करना आवश्यक है, लेकिन युवक की सुख शांति में प्रगतिशीलता का संसार छात्रा अवस्था पर अबलंबित है, अनुशासन आत्मानुशासन का ही एक अंग है|
2.अनुशासन की आवश्यकता:-
जीवन की सफलता का मूल आधार अनुशासन है| समस्त प्रकृति अनुशासन में बंद कर गतिमान रहती है, सूर्य, चंद्रमा, नक्षत्र, सागर, नदी, झरने, गर्मी, सर्दी, वर्षा एवं वनस्पतियां आदि सभी अनुशासित हैं| अनुशासन सरकार, समाज तथा व्यक्ति तीन स्वरों पर होता है, सरकार के नियमों का पालन करने के लिए पुलिस, न्याय, दंड, पुरस्कार आदि की व्यवस्था की गई है| यह सभी शासकीय नियमों में बंद कर कार्य करते हैं| सभी बुद्धिमान व्यक्ति उन नियमों पर चलते हैं, एवं जो उन नियमों का पालन नहीं करते हैं, वह दंड के भागी होते हैं सामाजिक व्यवस्था हेतु धर्म समाज आदि द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करने वाले व्यक्ति सुशील तथा विनर में होते हैं| ऋषि महर्षि अध्ययन के बाद अपने शिष्यों को विदा करते समय अनुशासित रहने पर बल देते थे| वह जानते थे, कि अनुशासित व्यक्ति ही किसी उत्तरदायित्व को वहन कर सकता है, अनुशासित जीवन व्यतीत करना वस्तुत दूसरे के अनुभवों से लाभ उठाना है| समाज ने जो नियम बनाए हैं वह बरसों के अनुभव के बाद सुनिश्चित किए गए हैं, भारतीय मुनियों ने अनुशासन को अपरिहार्य माना था, कि व्यक्ति का समुचित विकास हो सके, आदेश देने वाला व्यक्ति प्राय आज्ञा दिए गए व्यक्ति का हित चाहता है, अतः अनुशासन में रहना तथा अनुशासन को अपने आचरण में डाल लेना ही अति आवश्यक है, जो लोग अनुशासनहीन होते हैं| वह शब्द एवं उदंड की संख्या से अभिहित किए जाते हैं| एवं दंड के भागी होते हैं|
3.अनुशासन के लाभ:-
अनुशासन के असीमित लाभ हैं, प्रत्येक स्तर की व्यवस्था के लिए अनुशासन आवश्यक है| राणा प्रताप, शिवाजी सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी आदि ने इसी के बल पर सफलता प्राप्त की थी| इसके बिना बहुत हानि होती है, सन् 1857 में अंग्रेजों के विरुद्ध लड़े गए स्वतंत्रता संग्राम की सफलता का कारण अनुशासनहीनता थी| 31 मई को संपूर्ण भारत में विद्रोह करने का निश्चय था, लेकिन मेरठ की सेनाओं ने 10 मई को भी विद्रोह कर दिया, जिससे अनुशासन भंग हो गया था|इसका परिणाम सारे देश को भोगना पड़ा अब सब जगह एक साथ विद्रोह ना होने के कारण संज्ञा ने विद्रोह को कुचल दिया था| राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने शांतिपूर्वक विशाल अंग्रेजी साम्राज्यबाद की नींद हिला डाली थी|उसका एकमात्र कारण अनुशासन की भावना थी, महात्मा गांधी की आवाज़ पर संपूर्ण देश सत्याग्रह के लिए चल देता था, अनेक-अनेक कष्टों को बोलते हुए भी देशवासियों ने सत्य और अहिंसा का मार्ग नहीं छोड़ा पहली बार जब कुछ सत्याग्रहियों ने पुलिस के साथ मारपीट तथा दंगा कर डाला तो महात्मा जी ने तुरंत सत्याग्रह बंद करने की आज्ञा देते हुए कहा- कि अभी देश सत्याग्रह के योग्य नहीं है| लोगों में अनुशासन की कमी है, उन्होंने तब तक उन्हें सत्याग्रह प्रारंभ नहीं किया, जब तक उन्हें लोगों के अनुशासन के बारे में विश्वास नहीं हो गया एवं अनुशासन द्वारा लोगों में विश्वास की भावना पैदा की जाती है| अनुशासन विश्वास का एक महामंत्र है|
4.छात्रानुशासन:-
अनुशासन विद्यार्थी जीवन का तो अपरिहार्य अंग है| क्योंकि विद्यार्थी देश के भावी कर्णधार होते हैं, देश का भविष्य उन्हीं पर टिका हुआ होता है, उनसे यह अपेक्षा की जाती है, कि वह स्वयं अनुशासित नियंत्रित तथा कर्तव्यपरायण होकर देश की जनता का मार्ग दर्शन करें| उसे अंधकार के दर्द से निकाल कर प्रकाश की ओर ले जय आते हैं, उनके लिए अनुशासन होना अति आवश्यक है|
5.उपसंहार:-
अनुशासन के संदर्भ में मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी का जीवन प्रेरणा दाई है| अनुशासन में होने के कारण ही राम मर्यादापुरुषोत्तम कहलाने के अधिकारी हुए अनुशासन के अधीन भी राजतिलक त्यागकर वनवासी बन जाते हैं, तथा अपनी पत्नी का परित्याग कर प्रजा की आज्ञा का पालन करते हैं| इस सब का कारण है उनका अनुशासित जीवन निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है, कि जीवन में महान बनने के लिए अनुशासन आवश्यक है| बिना अनुशासन के कुछ भी कर पाना अति असंभव है, अनुशासन से व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है, तथा समाज को शुभ दिशा मिलती है| अतः अनुशासित जीवन ही जीवन है, अनुशासित जीवन की आवाज में हमारी जिंदगी दिशाहीन एवं निरर्थक हो जाएगी, यदि जीवन में अनुशासन नहीं है| तो इस मानव जीवन का जीवित रहना भी कताई अनुशासित नही हैं, अनुशासित जीवन ही जीवन है, यदि अनुशासन नहीं है तो जीवन में कुछ भी नहीं है|
Very nice paragraph about it but some mistakes also but nice
ReplyDeleteVery nice para it is very helpful for me
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