समय का सदुपयोग प्रस्तावना नष्ट हुई संपत्ति और कोई हुए वैभव को पुनः प्राप्त करने के लिए मनुष्य निरंतर मेहनत करता है 1 दिनों से सफलता मिल ही जाती है खोया हुआ स्वास्थ्य और नष्ट हुआ धन पुणे प्राप्त किया जा सकता है किंतु खोया हुआ था फिर वापस नहीं मिलता समय ना तो मनुष्य की प्रतीक्षा करता है और ना परवाह समय का रथ तो तेजी से चल रहा है उसे कोई भी रोक नहीं सकता
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